मन जब उसका कायल था
हर अदा पे उसके घायल था
पर उसका दिल वो हार गया
रन छोड़ वहां से भाग गया
मन यादें बड़ी संजोता है
हर हार पे अपनी रोता है
पर रोज़ तरीके सोच सोच
खुश भी यूँ ही हो जाता है
मन आज मेरा परेशां खड़ा
पुचा उस से भाई बात बता
बॊला मुझसे,कोई बात नहीं
है सबसे बड़ा मलाल यही
पुचा उस से भाई बात बता
बॊला मुझसे,कोई बात नहीं
है सबसे बड़ा मलाल यही
है चंचल मन कहीं टिकता नहीं
रुख हवा के साथ बदलता है
पुचा उसे, उसे क्यूँ ठोर नहीं
बोला अपना कोई और नहीं
रुख हवा के साथ बदलता है
पुचा उसे, उसे क्यूँ ठोर नहीं
बोला अपना कोई और नहीं
हर रंग रंगा , बहका ये मन
हर रोज़ क़सीदे पढता है
खुली लम्हों के दहशत से
उत्सव ये रोज़ मनाता है
हर रोज़ क़सीदे पढता है
खुली लम्हों के दहशत से
उत्सव ये रोज़ मनाता है
मन को जाने कौन यहाँ
मन तेरा मेरा मोहताज नहीं
खुशियों में घिरा उदास छिपा
बर्बादी में भी हार नहीं
मन तेरा मेरा मोहताज नहीं
खुशियों में घिरा उदास छिपा
बर्बादी में भी हार नहीं
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